बिजनेस में जरुरी एरर मैनेजमेंट – Error Management in Business

गलतियां न करने वाला इंसान आत्ममोह में फंस सकता है, जबकि अपनी गलतियां जानने वाला व्यक्ति खुद में सुधार लाने और नई चीजें सीखने के लिए तत्पर रहता हैं।
एक प्रसिद्ध कथन हैं कि यदि आप गलतियां नहीं कर रहे हैं तो इसका यह अर्थ है कि आप कुछ नया भी नहीं कर रहे हैं। हालांकि इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि कुछ भी नया करने के लिए गलती करनी जरुरी ही हैं। बल्कि इसका अर्थ समझना चाहिए कि जब भी आप कोई नया काम करना जा रहे हों तो आपमें गलतियां करने, रिस्क उठाने और हो चुकी गलतियों से सीख लेने का जज्बा होना चाहिए।

बिजनेस में यह एरर मैनेजमेंट इसलिए भी जरुरी है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि बिजनेस के सफर में होने वाली गलतियां आपके बिजनेस के लिए स्थायी विफलता न ले आए। इसलिए किसी गलती के चलते खुद को बिजनेस के फील्ड से हमेशा के लिए बाहर खींच लेने के बजाय अपनी गलतियों से सीख ले और एंटरप्रेन्योरशिप के फील्ड में गलतियों का इस्तेमाल अपने आने वाला कल सुधारने के लिए करें।

पता हो सब कुछ

बिजनेस में सही फैसला लेना जरुरी है, लेकिन आप यह उम्मीद नहीं रख सकते कि आपको हर पहलू, हर पक्ष पता होगा, तभी आप फैसला ले पाएंगे। कुछ अनिश्चितता तो जीवनभर बनी रहती है, ऐसे में सब कुछ जानने के इंतजार में फैसले रोककर रखना गलत होगा। फैसले के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर जानकारी जुटाएं और फैसला करें। इस तरह से आपकों कुछ रिस्क उठाने को तो तैयार रहना ही होगा।

नया जरुर करते रहें

गलती के डर से आप अपने बिजनेस का प्रवाह रोक देते हैं। आपको लगता है कि आप पुराने प्रोजेक्ट्स में माहिर हैं और पुरानी तकनीकें काम कर रही हैं, तो बेवजह कंफर्ट जोन से बाहर जाकर नएपन के फेर में क्यों फंसा जाए। कीं गलती हो गई तो? ऐसी स्थिति से बचें और लगातार कुछ न कुछ नया जरुर करते रहें। गलती के डर से अपने बिजनेस का दम न घोंटे।

बिगड़ जाएगी इमेज

दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपने- अपने स्तर पर रिस्क लिए और उनके कई फैसले गलत भी साबित हुए लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि उन्होने दोबारा कभी रिस्क लेना ही छोड़ दिया। इमेज के चक्कर में अपनी तरक्ी को बाधित न करें। हर समय पुरानी तरह का काम करते रहने पर भी तो इमेज कमजोर ही होगी। तो क्यों न गलती का रिस्क लेकर कुछ नया ही किया जाए।

प्लान में चेंज

किसी एक फैसले के गलत साबित होने पर आप उन कारणों पर गौर कर सकते हैं, जिनके कारण गलती हुई। इन्हें समझने के बाद आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि इस तरह के कारण दोबारा न पैदा हों या यदि ये कारण दोबारा आएं भी तो आप अलग तरह से फैसला करें। गलती समझ में आने पर आप अपना प्लान चेंज कर सकते हैं और ज्यादा बेहतर निर्णय कर सकते हैं। इस तरह सही दिशा भी देती हैं।

गलती से फायदा

बहुत लोग सोचते हैं कि गलती करने वालों को कमजोर माना जाता है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि गलती करने वाले लोग, सीखने के मामले में, कभी गलती न करने वालों से ज्यादा बेहतर साबित होते हैं। गलती न करने वालों में एक अहंकार आ जाता है कि हम तो गलती कर ही नहीं सकते और यहीं वे गलती कर जाते हैं, जबकि पहले गलती कर चुके नम्रता के साथ नई चीजें सीखने के लिए तैयार रहते हैं। यह एटीट्यूड उन्हें फायदा दे जाता हैं।

गलतियों से मिल जाते हैं कई बड़े लाभ भी

एंटरप्रेन्योरशिप की शुरुआत से लेकर बीच सफर तक गलत फैसलों की आशंका बनी ही रहती हैं। लेकिन यदि गलती के डर से आप अपने दिमाग से फैसले ही नहीं करते और डर के वशीभूत होकर यथास्थिति ही बनाए रखते हैं तो आपके बिजनेस में एक ही ऐसी स्थिरता आ जाती है जो दीर्घकाल में नुकसानदायक साबित होती हैं। तो क्यों न गलतियों से डरकर खुद को पंगु बना लेने के बजाय गलतियों से सबक लिया जाए और रिस्क से घिरे फैसले लेने का साहस जुटाया जाए? बेहतर एरर मैनेजमेंट इसे ही कहते है।

न बने परफेक्ट

जब दुनिया में कोई परफेक्ट नहीं हैं तो फिर अपने दिमाग पर परफेक्शन का बोझ क्यों डालना? यह बोझ आपको अपने अनुसार जीने नहीं देता। बिजनेस में अपने गलत फैसलों पर खुद को कोंसते न रहें। मुश्किल परिस्थितियों में फंसने पर भी अकेले जूझने के बजाय किसी अनुभवी से सलाह ले लेंगे तो मूर्ख नहीं लगेंगे। परफेक्ट बनने के फेर में अपनी गलतियों को नकारें नहीं। इन्हें स्वीकारें और नई दिशाओं की ओर बढ़ने में अपनी ऊर्जा लगाएं।

कहीं आदत न बन जाएं गलती

गलती करने और उससे सीखने के साथ-साथ गलती का रिस्क उठाने की क्षमता विकसित करना अच्छा है, लेकिन यदि गलती करना आपकी आदत में शुमार हो जाएगा तो यह नुकसान कर सकता है। आपका ध्यान इस बात पर केंद्रित होना चाहिए कि बिजनेस में आप एक ही गलती को बार-बार न दोहराएं। ऐसी स्थिति का फायदा आपके प्रतिद्वंद्वी उठा सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा अपनी पुरानी गलतियों के पैटर्न को ध्यान में रखें और उस ओर जाने से खुद को बचाकर रखें।

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